Sunday, April 6, 2014

रसोईघर ही है प्राथमिक चिकित्सालय

किसी ने सच ही कहा है कि जान है तो जहान है। फिर आरोग्य हमारा जन्मसिद्घ अधिकार है और हमें अपने आरोग्य के प्रति सदैव सजग रहना चाहिए। आचार-विचार, खान - पान,जीवन शैली का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पडता है।
आधुनिकता की चकाचौंध में हमारे खान-पान ,आचार-विचार और जीवनशैली पर बडा ही गहरा प्रभाव पडा है। दौलत की भूख ने हमारी रोजमर्रा जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। न जागने का कोई समय है और न ही सोने का। खाना खाने का भी कोई समय तय नहीं। जब समय मिला तब पेट पूजा अन्यथा होटल के समोसे,पकौडे, बर्गर, पैटीज, चाऊमीन और चाय काफी से काम चलाने की आदत सी पड गई है।
निरोगी काया के लिए जरूरी है कि हम सूर्योदय का आनंद लूटें। प्रतिदिन नाश्ता कर के ही काम काज पर जायें और १ से २ बजे के पूर्व लंच समाप्त करें। रात का भोजन भी यदि ८ बजे से पूर्व समाप्त करने की आदत डालें ताकि भोजन उपरांत कम से कम दो तीन घंटे आप बिस्तर पर न जाएं।
आपकी रसोईघर ही तो है आपका प्राथमिक चिकित्सालय, अत: रसोईघर के रख-रखाव पर खास ध्यान दें। रसोई की स्वच्छता आपके आरोग्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अमीर-गरीब, सभी मजहब के लोगों की रसोई घर में जीरा, हल्दी, लौंग, इलायची,काली मिर्च,हींग, मेथी, लहसुन, प्याज, अदरक, राई, अजवायन, धनिया, कलमी, तेजपत्ता, किशमिश, बादाम, अंजीर, गुड, मूँगफली दाना, हरा चना, मूंग, उडद, खजूर, दूध, दही, घी, शहद, हरी साग-सब्जी मिल ही जाएगी। शरीर को शक्कर भी चाहिए और नमक भी।
सर्दी, खांसी,जुकाम,सिरदर्द,पेट दर्द, अम्लपित्त,पेशाब में जलन,पेट के कीडे,दांत दर्द,हल्का फुल्का बुखार से हम सभी आए दिन पीड़ित रहते हैं। इनमें से लगभग सभी पीडाओं से तत्काल मुक्ति हेतु हम दवाखाने जाते हैं और डाक्टर की सलाहनुसार दवा का सेवन भी करते हैं। बहुत अच्छी बात यह है कि हम आरोग्य के प्रति सजग हैं लेकिन ध्यान रहे कि छोटी-छोटी पीडाओं और समस्याओं के लिए चिकित्सालय भागने की जरूरत नहीं क्योंकि आपके अपने घर में ही आपका अपना प्राथमिक चिकित्सालय है। गौर कीजिए। निश्चित रूप से फायदा पायेंगे। आइये अब नजर रसोई घर में उपलब्ध सामग्री और उनके प्रयोग से होने वाले फायदों पर डालें।
हल्दी -हल्दी गुणों की खान है | हल्दी से हाथ पीले हुए बगैर जिंदगी को दिशा नहीं मिलती। हल्दी में औषधीय गुण हैं। एंटीबायोटिक है हल्दी। हल्दी,नमक और थोडा सा सरसों के तेल को मिलाकर मसूडों की मालिश करें। मुख दुर्गंध एवं पायरिया से निजात पायेंगे। गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी प्रतिदिन पिएं, रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्घि होगी। हड्डियां मजबूत रहेंगी।
एक चम्मच हल्दी को थोडा भूनकर शहद के साथ लें। गला बैठना तंग नहीं करेगा और खांसी फुर्र हो जाएगी। कट जाए,जल जाए,चोट लग जाए हल्दी पाउडर लगाएं,रक्तस्राव बंद हो जाएगा, फोला भी नहीं पडेगा। मोच आ जाए तो एक मोटी रोटी बनाएं उसमें सरसों का तेल व हल्दी डालें। गर्म रोटी को मोच वाली जगह पर बांधे,सूजन छू हो जाएगी। हल्दी चंदन और नीम पाउडर के मिश्रण को चेहरे पर लगाएं। न केवल झाइयां, फुंसियां ठीक हो जाएंगी बल्कि चेहरा भी चमकने लगेगा और फेसवाश भूल जाएंगे।

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