Thursday, May 22, 2014

अरहर

अरहर 
अरहर की खेती लगभग ३,५०० साल पहले से की जाती है | यह भारत में बहुत प्रयोग की जाती है , यहाँ पर इस दाल को शाकाहारी वर्ग के लिए मुख्य प्रोटीन स्रोत माना जाता है | अरहर की दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन के साथ-साथ amino acids ,methionine ,lysine or tryptophan भी पाए जाते हैं | 
दाल के रूप में उपयोग में ली जानेवाली सभी दलहनों में अरहर का प्रमुख स्थान है | यह गर्म तथा शुष्क होती है इसलिए इसे देसी घी में छौंककर खाना चाहिए | अरहर की दाल में पर्याप्त मात्रा में घी मिलाकर खाने से वह वायुकारक नहीं रहती | यह दाल त्रिदोषनाशक (वात ,पित्त और कफ़ ) है , अतः यह सभी के लिए अनुकूल है |
आइये जानते हैं अरहर के कुछ औषधीय गुण ------------
१-अरहर के पत्तों और दूब घास का रास निकालकर छान लें , इसे सूंघने से आधे सर का दर्द दूर होता है |
२-अरहर के पत्तों को जलकर राख बना लें , इस राख को दही में मिलाकर लगाने से खुजली समाप्त होती है |
३-अरहर की दाल खाने से पेट की गैस की शिकायत दूर होती है |
४-रात को अरहर की दाल पानी में भिगो दें , सुबह इस पानी को गर्म करके गरारे करने से गले की सूजन दूर होती है |
५-अरहर के कोमल पत्ते पीसकर घावों पर लगाने से घाव जल्दी भरते है |
६-यदि शरीर के किसी अंग पर सूजन है तो चार चम्मच अरहर की दाल को पीसकर बांधने से उस अंग की सूजन खत्म हो जाती है |
७-अरहर की दाल पाचक है तथा इसका सेवन बवासीर , बुखार, व गुल्म रोगों में लाभकारी है |

No comments: